भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"छापामार योद्धा का दुःख / कात्यायनी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कात्यायनी |संग्रह=फुटपाथ पर कुर्सी / कात्यायनी }…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
21:06, 16 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण
किसी निजी दुःख का
हमला नाज़ुक घड़ी में
छापामार ढंग से
और समय लगना
उससे निपट पाने में।
रचनाकाल : मई, 2001