भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कुछ बाल कविताएँ / देवी नांगरानी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 36: पंक्ति 36:
  
 
'''६'''
 
'''६'''
जीवन नैया
+
जीवन नैया कर ले पार
कर ले पार
+
है क्या जीवन बहती धार
है क्या जीवन
+
दुख सुख मन के है आधार
:बहती धार
+
सच का अपना अलग निखार
दुख सुख मन के
+
ममता देवी मेरा प्यार
:है आधार
+
सच का अपना
+
:अलग निखार
+
ममता देवी
+
:मेरा प्यार
+
  
 
</poem>
 
</poem>

22:53, 17 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण


गुड़िया रानी, गुड़िया रानी,
तू क्यों भई उदास
बन संवर कर आज है जाना
तुझे पिया के पास


ऐ री बंदरिया मेरी
पूंछ कहाँ है तेरी
ढूँढ उसे यूँ बाहर भीतर
नींद उड़ी है मेरी


कौए काका
पास में आजा
मुन्ना खाए
रोटी आजा


बंदर राजा
पूंछ हिला जा
मुन्ना रोया आज बहुत है
आकर उसे हंसा जा



आया आया चंदामामा
जाने क्यों कर चोरी चोरी
नील गगन से धरती पर ये
सुनने ममता की अब लोरी


जीवन नैया कर ले पार
है क्या जीवन बहती धार
दुख सुख मन के है आधार
सच का अपना अलग निखार
ममता देवी मेरा प्यार