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"उम्र / रघुवीर सहाय" के अवतरणों में अंतर

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जब तुम बच्ची थीं  
 
जब तुम बच्ची थीं  
 
 
तो
 
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मैं तुम्हें रोते हुए नहीं देख सकता था  
 
मैं तुम्हें रोते हुए नहीं देख सकता था  
 
 
  
 
अब तुम रोती हो  
 
अब तुम रोती हो  
 
 
तो
 
तो
 
 
देखता हूँ मैं !
 
देखता हूँ मैं !
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00:36, 8 मार्च 2010 के समय का अवतरण

जब तुम बच्ची थीं
तो
मैं तुम्हें रोते हुए नहीं देख सकता था

अब तुम रोती हो
तो
देखता हूँ मैं !