भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|संग्रह=
}}
[[Category:पंजाबी भाषा]]
{{KKCatKavita}}
<Poempoem>
रात-कुड़ी ने दावत दी
सितारों के चावल फटक कर