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"सिकंदर-ए-आज़म / जहाँ डाल डाल पर" के अवतरणों में अंतर

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तत्समये श्री गुरुवे नम:
 
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जहां डाल डाल पर  
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जहाँ डाल डाल पर सोने की चिड़ियाँ करती है बसेरा
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वो भारत देश है मेरा।
 
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जहाँ सत्य अहिंसा और धर्म का
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जहाँ सत्य अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा
पग-पग लगता डेरा
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वो भारत देश है मेरा।
 
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ये धरती वो जहाँ ॠषि मुनि
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ये धरती वो जहाँ ॠषि मुनि जपते प्रभु नाम की माला
जपते प्रभु नाम की माला
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जहाँ हर बालक एक मोहन है और राधा हर एक बाला
जहाँ हर बालक एक मोहन है
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जहाँ सूरज सबसे पहले आ कर डाले अपना फेरा
और राधा हर एक बाला
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जहाँ सूरज सबसे पहले आ कर
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डाले अपना फेरा
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वो भारत देश है मेरा।
 
वो भारत देश है मेरा।
  
अलबेलों की इस धरती के
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अलबेलों की इस धरती के त्योहार भी हैं अलबेले
त्योहार भी हैं अलबेले
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कहीं दीवाली की जगमग है कहीं हैं होली के मेले
कहीं दीवाली की जगमग है
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जहाँ राग रंग और हँसी खुशी का चारों ओर है घेरा
कहीं हैं होली के मेले
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जहाँ राग रंग और हंसी खुशी का
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चारों ओर है घेरा
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वो भारत देश है मेरा।
 
वो भारत देश है मेरा।
  
जहां आसमान से बातें करते
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जहाँ आसमान से बातें करते मंदिर और शिवाले
मंदिर और शिवाले
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जहाँ किसी नगर में किसी द्वार पर कोई न ताला डाले
जहाँ किसी नगर में किसी द्वार पर  
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प्रेम की बंसी जहाँ बजाता है ये शाम सवेरा
कोई न ताला डाले
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प्रेम की बंशी जहाँ बजाता
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है ये शाम सवेरा
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वो भारत देश है मेरा।
 
वो भारत देश है मेरा।
 
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01:52, 20 मार्च 2010 का अवतरण

रचनाकार: राजिन्दर कृष्ण संगीतकार=हंस राज बहल                 

   
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु
गुरुदेव महेश्वरा
गुरु साक्षात परब्रह्म
तत्समये श्री गुरुवे नम:

जहाँ डाल डाल पर सोने की चिड़ियाँ करती है बसेरा
वो भारत देश है मेरा।

जहाँ सत्य अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा
वो भारत देश है मेरा।

ये धरती वो जहाँ ॠषि मुनि जपते प्रभु नाम की माला
जहाँ हर बालक एक मोहन है और राधा हर एक बाला
जहाँ सूरज सबसे पहले आ कर डाले अपना फेरा
वो भारत देश है मेरा।

अलबेलों की इस धरती के त्योहार भी हैं अलबेले
कहीं दीवाली की जगमग है कहीं हैं होली के मेले
जहाँ राग रंग और हँसी खुशी का चारों ओर है घेरा
वो भारत देश है मेरा।

जहाँ आसमान से बातें करते मंदिर और शिवाले
जहाँ किसी नगर में किसी द्वार पर कोई न ताला डाले
प्रेम की बंसी जहाँ बजाता है ये शाम सवेरा
वो भारत देश है मेरा।