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"मासूम / लकड़ी की काठी" के अवतरणों में अंतर
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03:51, 20 मार्च 2010 के समय का अवतरण
रचनाकार: गुलज़ार |
लकड़ी की काठी, काठी पे घोड़ा
घोड़े की दुम पे जो मारा हथौड़ा
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा
घोड़ा पहुँचा चौक में, चौक में था नाई
घोड़ेजी की नाई ने हजामत जो बनाई
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा
लकड़ी की काठी...
घोड़ा था घमण्डी पहुँचा सब्जी मण्डी
सब्जी मण्डी बरफ पड़ी थी बरफ में लग गई ठंडी
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा
लकड़ी की काठी...
घोड़ा अपना तगड़ा है देखो कितनी चरबी है
चलता है महरौली में पर घोड़ा अपना अरबी है
बांह छुड़ा के दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा
लकड़ी की काठी...