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"विपरीत रति / अशोक वाजपेयी" के अवतरणों में अंतर
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16:30, 20 मार्च 2010 के समय का अवतरण
आकाश नीचे लेटा होगा
अपने नक्षत्रों, आकाशगंगाओं में जगमगाता,
पृथ्वी होगी ऊपर
उसके उत्तुंग शिखर
उसकी सघन उपत्यकाएँ।
झरना फूटेगा
नीचे से ऊपर की ओर,
नदी बहेगी पृथ्वी से आकाश की ओर-
दोनों श्लथ होंगे :
फिर विभोर होकर
बारी-बारी से
मदनारूढ़।
रति की मन में अनेक संभावनाएँ हैं।