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"मैं उसे / अशोक वाजपेयी" के अवतरणों में अंतर
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16:35, 20 मार्च 2010 के समय का अवतरण
मैं उसे पुकारना चाहता हूँ
संसार की हज़ारों भाषाओं और बोलियों में,
मैं हरेक भाषा में उसके नाम का
अनुवाद करना चाहता हूँ-
मैं संसार की तमाम भाषाओं में
प्रेम, प्रतीक्षा, कामना के,
पर्याय खोजकर उनका उच्चारण करना चाहता हूँ-
ताकि उससे हज़ारों शब्दों में प्रेम
हज़ारों शब्दों से उसकी प्रतीक्षा
और कामना कर सकूँ-
उस अकेली अद्वितीया को
हज़ारों नामों से घेर सकूँ!