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"साथी हाथ बढ़ाना / साहिर लुधियानवी" के अवतरणों में अंतर

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साथी हाथ बढ़ाना
 
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एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना
एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।
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हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें
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साथी हाथ बढ़ाना।
 
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मेहनत अपने लेख की रेखा, मेहनत से क्‍या डरना
 
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कल गैरों की खातिर की, आज अपनी खातिर करना
 
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अपना दुख भी एक है साथी, अपना सुख भी एक
 
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अपनी मंज़िल सच की मंज़िल, अपना रास्‍ता नेक
अपनी मंज़‍िल सच की मंज़‍िल, अपना रास्‍ता नेक
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साथी हाथ बढ़ाना।
 
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एक से एक मिले तो कतरा, बन जाता है दरिया
 
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एक से एक मिले तो इंसां, बस में कर ले किस्‍मत
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साथी हाथ बढ़ाना।
 
साथी हाथ बढ़ाना।
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05:46, 21 मार्च 2010 का अवतरण

साथी हाथ बढ़ाना
एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना
साथी हाथ बढ़ाना।

हम मेहनत वालों ने जब भी, मिलकर कदम बढ़ाया
सागर ने रस्‍ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया
फ़ौलादी हैं सीने अपने, फ़ौलादी हैं बाँहें
हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें
साथी हाथ बढ़ाना।

मेहनत अपने लेख की रेखा, मेहनत से क्‍या डरना
कल गैरों की खातिर की, आज अपनी खातिर करना
अपना दुख भी एक है साथी, अपना सुख भी एक
अपनी मंज़िल सच की मंज़िल, अपना रास्‍ता नेक
साथी हाथ बढ़ाना।

एक से एक मिले तो कतरा, बन जाता है दरिया
एक से एक मिले तो ज़र्रा, बन जाता है सेहरा
एक से एक मिले तो राई, बन सकती है परबत
एक से एक मिले तो इंसां, बस में कर ले किस्‍मत
साथी हाथ बढ़ाना।