भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"वह चेहरा / भरत प्रसाद" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भरत प्रसाद |संग्रह=एक पेड़ की आत्मकथा / भरत प्रस…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
11:30, 29 मार्च 2010 का अवतरण
गाय का कटा हुआ सिर कुल्हाड़ी से फटता देखकर
हमें माफ़ कर देना
इसके बावजूद
कि हम अंधे नहीं हैं
और तुम्हें रोज़-रोज़ कटता हुआ देखना
बर्दाश्त कर लेते हैं!
हमें माफ़ कर देना
इसके बावजूद
कि तुम्हारी बाहर निकली हुई मुर्दा आँखों को
एकटक देखते हैं
और कोई दर्द नहीं उठता!
हमें इसके लिए भी
माफ़ कर देना
कि वर्षों से तुम्हारे कटे हुए सिर को
लगातार फोड़ा जा रहा है
और मैं निकम्मा-सा
चुपचाप बैठा हुआ हूँ!