भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"फ़ैसले / राग तेलंग" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राग तेलंग |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <Poem> जिन फ़ैसलों को बग़…)
 
(कोई अंतर नहीं)

21:49, 2 अप्रैल 2010 के समय का अवतरण

जिन फ़ैसलों को
बग़ैर हिचकिचाए
लिया गया
उनमें
कम शामिल थे अफ़सोस, असफल होने पर,
बनिस्बत उन फ़ैसलों के
जिन्हें लेते वक़्त कँपकँपाया शरीर
फैसलों तक पहुँचने में
जब-जब कँपकँपाया शरीर
उतनी कठिनाई हुई
घड़ियों को आगे सरकने में
दर्ज़ हुई स्मृतियों में
सारे फ़ैसलों के पीछे छुपी
कश्मकश और वह साहस भी
जिसके बूते भारी पड़ता था
लिया हुआ वह एक फ़ैसला
बाक़ी सारे
उन फ़ैसलों पर
जो कँपकँपाते हुए लिए गए थे ।