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"ज़हरीला धुआँ / हरकीरत हकीर" के अवतरणों में अंतर

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15:47, 3 अप्रैल 2010 के समय का अवतरण

नज़्में भी चीख़तीं हैं
अपने जिस्म की
परछाई देख

कितना ज़हरीला था
वो धुआँ
जो तुम उगलते रहे....!!