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"फ़ासलों की रातें / हरकीरत हकीर" के अवतरणों में अंतर

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15:49, 3 अप्रैल 2010 के समय का अवतरण

देखते ही देखते
एक-एक कर ढहती गई
हँसी की दीवारें
 
ख़ामोशी
ईंट दर ईंट
अपना मकां बनाती रही....

आह.....!
ये फ़ासलों की रातें.....!!