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"ख़ामोशी / हरकीरत हकीर" के अवतरणों में अंतर

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15:57, 3 अप्रैल 2010 के समय का अवतरण

कपड़ों से
दाग धोते-धोते
उसकी ख्वाहिशें भी
सफ़ेद हो गई थीं
 
वह अब ...
लफ़्ज़ों से भी ज़्यादा
ख़ामोश रहने लगी है ..!!