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"ख़ामोशी / हरकीरत हकीर" के अवतरणों में अंतर
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कपड़ों से
दाग धोते-धोते
उसकी ख्वाहिशें भी
सफ़ेद हो गई थीं
वह अब ...
लफ़्ज़ों से भी ज़्यादा
ख़ामोश रहने लगी है ..!!