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"तेरा नाम / जयंत परमार" के अवतरणों में अंतर

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20:13, 11 अप्रैल 2010 के समय का अवतरण

फूल की पत्ती-पत्ती पर
अपनी उँगलियों से
लिखता हूँ तेरा नाम!

फूल तो झड़ जाता है
लेकिन तेरा नाम
ख़ुशबू बनकर
फैल रहा है चारों ओर!