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"अच्छा हुआ / केशव तिवारी" के अवतरणों में अंतर

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20:14, 17 अप्रैल 2010 के समय का अवतरण

अच्छा हुआ कभी भी
इतना ऊँचा न हुआ मेरा माथ
कि टकराता किसी पहाड़ से
 
इतना नीचा भी नहीं कि
झुक झुक जाता जगह-जगह पर

अच्छा हुआ कभी भी
इतना सुन्दर न हुआ मैं
कि ढलती काया देख देख
दुखी होता

यह ठीक ही रहा तुमने
मनुष्य मानकर किया स्नेह
और मैं देवताओं के गुनाहों से
बच गया।