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"फूस–पत्ते अगर नहीं मिलते / ओमप्रकाश यती" के अवतरणों में अंतर
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स्वप्न वो रात भर नहीं मिलते। | स्वप्न वो रात भर नहीं मिलते। | ||
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इस क़दर जानवर नहीं मिलते। | इस क़दर जानवर नहीं मिलते। | ||
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दूर परदेश के अतिथियों से | दूर परदेश के अतिथियों से | ||
दौड़कर के नगर नहीं मिलते। | दौड़कर के नगर नहीं मिलते। | ||
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चाहती हैं जो बाँटना खुशबू | चाहती हैं जो बाँटना खुशबू | ||
उन हवाओं को ‘पर’ नहीं मिलते। | उन हवाओं को ‘पर’ नहीं मिलते। | ||
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19:30, 18 अप्रैल 2010 का अवतरण
फूस–पत्ते अगर नहीं मिलते
कितने लोगों को घर नहीं मिलते।
देखना चाहते हैं हम जिनको
स्वप्न वो रात भर नहीं मिलते।
जंगलों में भी जाके ढूँढ़ो तो
इस क़दर जानवर नहीं मिलते।
दूर परदेश के अतिथियों से
दौड़कर के नगर नहीं मिलते।
चाहती हैं जो बाँटना खुशबू
उन हवाओं को ‘पर’ नहीं मिलते।