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"दुआ / सफ़दर इमाम क़ादरी" के अवतरणों में अंतर

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दुआ कुबूल हो जाती है
 
दुआ कुबूल हो जाती है
 
पहाड़ की सबसे ऊँची चोटी पर खड़े होकर
 
पहाड़ की सबसे ऊँची चोटी पर खड़े होकर
आँखें बन्द करकेहवाओं में बाहें फैलाओ
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आँखें बन्द करके
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हवाओं में बाँहें फैलाओ
 
"ख़ुदा बन्दे से ख़ुद पूछे
 
"ख़ुदा बन्दे से ख़ुद पूछे
 
बता तेरी रज़ा<ref>ख़ुशी, इच्छा</ref> क्या है?"
 
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20:34, 23 अप्रैल 2010 के समय का अवतरण

हमारे कथाकार दोस्त
कासिम ख़ुरशीद ने पूछा
शिमले से हमारे लिए क्या लाए
आप की उन्नति के लिए
आठ हज़ार फ़ुट ऊँचाई से दुआ की
शिमला से आसमान की दूरी कम हो जाती है
अर्श<ref>ईश्वर का सिंहासन</ref> नज़दीक होता है
बन्दे और ख़ुदा के बीच की दूरी
घट जाती है
दुआ कुबूल हो जाती है
पहाड़ की सबसे ऊँची चोटी पर खड़े होकर
आँखें बन्द करके
हवाओं में बाँहें फैलाओ
"ख़ुदा बन्दे से ख़ुद पूछे
बता तेरी रज़ा<ref>ख़ुशी, इच्छा</ref> क्या है?"

शब्दार्थ
<references/>