भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"गीत-गाथा / कौशल्या गुप्ता" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कौशल्या गुप्ता }} {{KKCatKavita}} <poem> कवि ने गीत लिखा फूल …) |
(कोई अंतर नहीं)
|
22:26, 24 अप्रैल 2010 के समय का अवतरण
कवि ने गीत लिखा
फूल पर
ख़ुश हुआ बहुत
आप ही,
अपनी ही कृति पर।
पहुँचा वह गीत सुनाने
बाग़ में फूल को,
बताने उसे,
उसे कितना सुन्दर
बताया है गीत में।
गीत-गाथा में मग्न
घर वापिस आ गया-
और पौधा मुरझा गया।
उसे गीत नहीं सुनना था
वह प्यासा था।