भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"हिन्दू पुलिस / रघुवीर सहाय" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार =रघुवीर सहाय |संग्रह =हँसो हँसो जल्दी हँसो / रघुव…)
 
(कोई अंतर नहीं)

21:03, 30 अप्रैल 2010 के समय का अवतरण

बूढ़े सुकुल का जब अंत समय आया
गिरते गिरते उसके शव ने मुँह बाया
सठिआया अपाहिज कुछ समझ नहीं पाया

सुना था जहाँ पर है कन्याकुमारी
दूर उसी दक्षिण से जब पहली बारी
गया आया हिन्दू तो गोली क्यों मारी

आँखें फाड़े सुकुल यह रहस्य देखता
उत्तर दक्षिण के ३६ भये देवता
केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस भारत की एकता