भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सपने / परमेन्द्र सिंह" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=परमेन्द्र सिंह |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <Poem> मैंने आकाश मे…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
10:14, 2 मई 2010 के समय का अवतरण
मैंने
आकाश में उछाले कुछ स्वप्न
वे लौट आए
मैंने उन्हें
धरती में बो दिया
वे आकाश छूने लगे।