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"नींद-3 / प्रदीप जिलवाने" के अवतरणों में अंतर

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20:29, 17 मई 2010 के समय का अवतरण

नींद वहाँ भी नहीं है
जहाँ धूप वर्जित है
और वहाँ भी नहीं
जहाँ सिर्फ धूप बची है
बीच की जगह है कोई

और यकीनन यह जगह है
बची है उम्मीद।
बचा है भरोसा।