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"नींद-3 / प्रदीप जिलवाने" के अवतरणों में अंतर
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नींद वहाँ भी नहीं है
जहाँ धूप वर्जित है
और वहाँ भी नहीं
जहाँ सिर्फ धूप बची है
बीच की जगह है कोई
और यकीनन यह जगह है
बची है उम्मीद।
बचा है भरोसा।