भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कहाँ वह करुणा करुणागार / सुमित्रानंदन पंत" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुमित्रानंदन पंत |संग्रह= मधुज्वाल / सुमित्रान…)
 
छो ("कहाँ वह करुणा करुणागार / सुमित्रानंदन पंत" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
 
(कोई अंतर नहीं)

17:29, 24 मई 2010 के समय का अवतरण

कहाँ वह करुणा, करुणागार,
विषय रस में रत मेरे प्राण!
पीठ पर लदा मोह का भार,
कहाँ वह दया, करे जो त्राण!
मुझे यदि मिला स्वर्ग का द्वार,
उमर जप तप कर या दे दान,
उपार्जन होगा वह, उपहार
न करुणा का, प्रभु का वरदान!