भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"भाषा / निर्मला गर्ग" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निर्मला गर्ग |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> धूल में अँटी क…)
 
(कोई अंतर नहीं)

22:15, 27 मई 2010 के समय का अवतरण

धूल में अँटी
कादो-कीचड़ में सनी
पानी दिया मैंने
हाथ मुँह धोने को

ठीक हूँ मैं ऐसे ही
ऐसे ही बरतो मुझे
भाषा बोली

      
रचनाकाल : 1999