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"किसी क्षण / मुकेश मानस" के अवतरणों में अंतर
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'''किसी क्षण''' | '''किसी क्षण''' |
12:44, 6 जून 2010 का अवतरण
किसी क्षण
मर गई चाची
जैसे मरते हैं और लोग
मर जाएंगे वो सब
जिनके साथ
मैं आज खेलता हूँ
लड़ता-झगड़ता हूँ
जिन्हें खूब प्यार करता हूँ
एक दिन
मर जाऊंगा मैं भी
जैसे मर जाएंगे बाकी लोग
1985