भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"उदास तो है / विजय वाते" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
<poem> | <poem> | ||
मेरा अहसास मेरे पास तो है, | मेरा अहसास मेरे पास तो है, | ||
− | दिल जो रोया नहीं उदास तो है | + | दिल जो रोया नहीं उदास तो है । |
सब समझते हैं जिसको परदेसी, | सब समझते हैं जिसको परदेसी, | ||
− | वो कहीं दिल के आस पास तो है | + | वो कहीं दिल के आस पास तो है । |
राम इस दौर में कहाँ होंगे, | राम इस दौर में कहाँ होंगे, | ||
− | राम जैसा कोई लिबास तो है | + | राम जैसा कोई लिबास तो है । |
चल पड़ा है कोई हवा के खिलाफ, | चल पड़ा है कोई हवा के खिलाफ, | ||
− | कुछ नतीजा नहीं है आस तो है | + | कुछ नतीजा नहीं है आस तो है । |
+ | </poem> |
12:05, 11 जून 2010 के समय का अवतरण
मेरा अहसास मेरे पास तो है,
दिल जो रोया नहीं उदास तो है ।
सब समझते हैं जिसको परदेसी,
वो कहीं दिल के आस पास तो है ।
राम इस दौर में कहाँ होंगे,
राम जैसा कोई लिबास तो है ।
चल पड़ा है कोई हवा के खिलाफ,
कुछ नतीजा नहीं है आस तो है ।