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"एक सपना उगा / शतदल" के अवतरणों में अंतर

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08:25, 13 जून 2010 के समय का अवतरण

एक सपना उगा जो नयन में कभी
आँसुओं से धुला और बादल हुआ!

धूप में छाँव बनकर अचानक मिला,
था अकेला मगर बन गया काफ़िला ।
चाहते हैं कि हम भूल जाएँ मगर,
स्वप्न से है जुड़ा स्वप्न का सिलसिला ।

एक पल दीप की भूमिका में जिया,
आँज लो आँख में नेह काजल हुआ ।