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"गूँज / परवीन शाकिर" के अवतरणों में अंतर

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13:17, 16 जून 2010 के समय का अवतरण

ऊँचे पहाड़ों में गुम होती पगडंडी पर
खड़ा हुआ नन्हा चरवाहा
बकरी के बच्चे को फिसलते देख के
कुछ इस तरह हँसा है
वादी की हर दर्ज़<ref>दरार</ref> से झरने फूट रहे हैं


शब्दार्थ
<references/>