भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"जिज़यः / परवीन शाकिर" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=परवीन शाकिर |संग्रह=रहमतों की बारिश / परवीन शाकि…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
12:19, 17 जून 2010 के समय का अवतरण
जिज़यः<ref>टैक्स</ref>
गुड़िया-सी ये लड़की
जिसकी उजली हँसी से
मेरा आँगन दमक रहा है
कल जब सात समंदर पार चली जाएगी
और साहिली शहर के सुर्ख़ छतों वाले घर के अंदर
पूरे चाँद की रोशनी बनकर बिखरेगी
हम सब इसको याद करेंगे
और अपने अश्कों के सच्चे मोतियों से
सारी उम्र
इक ऐसा सूद उतारते जाएँगे
जिसका अस्ल भी हम पर कर्ज़ नहीं था !
शब्दार्थ
<references/>