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"तो ग़ज़ल होती है / विजय वाते" के अवतरणों में अंतर

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दर्द में उम्र बसर हो तो ग़ज़ल होती है|<br>
 
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या तेरा साथ अगर हो तो ग़ज़ल होती है|<br><br>
 
या तेरा साथ अगर हो तो ग़ज़ल होती है|<br><br>

10:09, 19 जून 2010 के समय का अवतरण

दर्द में उम्र बसर हो तो ग़ज़ल होती है|
या तेरा साथ अगर हो तो ग़ज़ल होती है|

तेरे आने कि ख़बर रोज़ कहाँ आती है,
कब कोई ऐसी ख़बर हो तो ग़ज़ल होती है|

ग़ज़लें अख़बार कि खबरों कि तरह लगतीं हैं,
हाँ तेरा ज़िक्र अगर हो तो ग़ज़ल होती है|

हिन्दी, उर्दू में कहो या किसी भाषा में कहो,
बात का दिल पे असर हो तो ग़ज़ल होती है|

कान रखते हैं हवाओं पे यहाँ लोग "विजय"
जब ज़माने पे नज़र हो तो ग़ज़ल होती है|