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"आज / विष्णुचन्द्र शर्मा" के अवतरणों में अंतर
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जहाँ
फूल नहीं उग सके
मैंने
चट्टानें बो दी थीं
अब
उन चट्टानों में
फूल आ रहे हैं ।