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"रूप दिखावत सरबस लूटै / भारतेंदु हरिश्चंद्र" के अवतरणों में अंतर

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रूप दिखावत सरबस लूटै ।
 
रूप दिखावत सरबस लूटै ।
:::फ़ंदे मैं जो पड़ै न छूटै ।
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:::फंदे मैं जो पड़ै न छूटै ।
 
कपट कटारी जिय मैं हुलिस ।
 
कपट कटारी जिय मैं हुलिस ।
 
:::क्यों सखि सज्जन नहिं सखि पुलिस ।
 
:::क्यों सखि सज्जन नहिं सखि पुलिस ।
 
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12:34, 12 जुलाई 2010 का अवतरण

रूप दिखावत सरबस लूटै ।
फंदे मैं जो पड़ै न छूटै ।
कपट कटारी जिय मैं हुलिस ।
क्यों सखि सज्जन नहिं सखि पुलिस ।