भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"तरंग / त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=त्रिलोचन |संग्रह=अरघान / त्रिलोचन }} {{KKCatKavita}} <poem> आव…) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
<poem> | <poem> | ||
आवाज़ें फिर उठीं | आवाज़ें फिर उठीं | ||
− | फिर से आकाश में | + | फिर से आकाश में तरंगों ने |
कितने ही वृत्त रचे | कितने ही वृत्त रचे | ||
</poem> | </poem> |
21:11, 12 जुलाई 2010 के समय का अवतरण
आवाज़ें फिर उठीं
फिर से आकाश में तरंगों ने
कितने ही वृत्त रचे