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"प्रेमिका और पर्यवेक्षक / शास्त्री नित्यगोपाल कटारे" के अवतरणों में अंतर

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पर्यवेक्षक बिछुड़ने को,
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कान खड़े ,चौकन्नी आँखें
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गंभीर मुद्रा , निष्ठुरता का प्रयास
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बुरा लगता है :
अज्ञात भय ,परस्पर अविश्वास,
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प्रेमिका को चालू रस्ता
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पर्यवेक्षक को उड़न दस्ता,
  
चिन्ता होती है॰
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प्रमिका को आने वाले कल की
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प्रेमिका को तन्हाई
पर्यवेक्षक को नकल की,
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पर्यवेक्षक को जम्हाई,
  
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प्रेमिका को चालू रस्ता
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शिकायत है :
पर्यवेक्षक को उड़न दस्ता,
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बहुत सताती है॰
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दोनों को रहती है :
प्रेमिका को तन्हाई
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गुप्त पत्रों की तलाश
पर्यवेक्षक को जम्हाई,
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छुपा कर रखे गये हैं जो
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बड़े जतन से वहीं कहीं आसपास,
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प्रेमिका को
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गुड़ी माड़ी गाइड की पर्चियाँ,
  
डर लगता है॰
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करें क्या ?
प्रेमिका को अपने भाई से
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कुछ बंधती नहीं सम्पट
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दोनों को किसी के भी देख लेने का संकट,
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मिलता है बाद में :
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परीक्षा और प्रेम का स्तर
प्रेमिका को अपने चितचोर से
+
यदि इसी तरह गिरता जाएगा
पर्यवेक्षक को अपने चिटचोर से,
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तो भविष्य में एक दिन ऐसा भी आएगा
 
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+
 
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करें क्या ?
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कुछ बंधती नहीं सम्पट
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मिलता है बाद में॰
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प्रेमिका को आकाश से तारे तोड़ लाने का आश्वासन
+
पर्यवेक्षक को दस रुपये का नोट
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और केन्द्राध्यक्ष का भाषण,
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यदि इसी तरह गिरता जायेगा
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+
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ऐसे गायब होंगे कि
+
जमाना ढूँढता रह जायेगा
+

00:15, 20 जुलाई 2010 का अवतरण

  
प्रेमी की प्रतीक्षा में
प्रेमिका के तीन मिनिट
परीक्षा हाल में पर्यवेक्षक के तीन घन्टे,
बराबर होते हैं तीन युगों के,
दोनों ही बेचैन, हैरान, परेशान,
घबराता दिल, आफत में जान,

दोनों ही अस्त, व्यस्त, त्रस्त,
बिना काम के अति व्यस्त,

बाहर शान्ति, मन में अशान्ति,
दोनों को अति-महत्वपूर्ण होने की भ्रान्ति,
किंकर्तव्य विमूढ, स्थिति शोचनीय,
काम पूरा का पूरा अत्यन्त गोपनीय,

रहते हैं बेकरार
प्रेमिका मिलने को,
पर्यवेक्षक बिछुड़ने को,
कान खड़े, चौकन्नी आँखें
लगाते चक्कर, अगल॰बगल ताकें,
गंभीर मुद्रा, निष्ठुरता का प्रयास
अज्ञात भय, परस्पर अविश्वास,

चिन्ता होती है :
प्रेमिका को आने वाले कल की
पर्यवेक्षक को नकल की,

बुरा लगता है :
प्रेमिका को चालू रस्ता
पर्यवेक्षक को उड़न दस्ता,

बहुत सताती है :
प्रेमिका को तन्हाई
पर्यवेक्षक को जम्हाई,

डर लगता है :
प्रेमिका को अपने भाई से
पर्यवेक्षक को डी० पी० आई० से,

शिकायत है :
प्रेमिका को अपने चित्तचोर से
पर्यवेक्षक को अपने चिटचोर से,

दोनों को रहती है :
गुप्त पत्रों की तलाश
छुपा कर रखे गये हैं जो
बड़े जतन से वहीं कहीं आसपास,
प्रेमिका को
प्रेमी द्वारा प्रणय निवेदन की अर्जियाँ
पर्यवेक्षक को
गुड़ी माड़ी गाइड की पर्चियाँ,

करें क्या ?
कुछ बंधती नहीं सम्पट
दोनों को किसी के भी देख लेने का संकट,
मिलता है बाद में :
प्रेमिका को आकाश से तारे तोड़ लाने का आश्वासन
पर्यवेक्षक को दस रुपये का नोट
और केन्द्राध्यक्ष का भाषण,

परीक्षा और प्रेम का स्तर
यदि इसी तरह गिरता जाएगा
तो भविष्य में एक दिन ऐसा भी आएगा
प्रेमिका और पर्यवेक्षक
ऐसे गायब होंगे कि
ज़माना ढूँढता रह जाएगा