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"शांति गीत / मोहन आलोक" के अवतरणों में अंतर
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गुनगुनाएं | गुनगुनाएं |
02:19, 20 जुलाई 2010 के समय का अवतरण
आओ ।
हम एक शांति गीत
गुनगुनाएं
और गाते-गाते
इतिहास बन जाएं ।
एक ऐसा इतिहास
लिसके सामने
सूरज की रोशनी भी
मंद हो जाए
एक ऐसा इतिहास
जिसके बाद
इतिहास बनना ही बंद हो जाए ।
अनुवाद : नीरज दइया