भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मोहताजों की ख़बर ले, तेरी लें भगवान / गंगादास" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गंगादास }} Category: कुण्डली <poem> मोहताजों की ख़बर ले, …) |
(कोई अंतर नहीं)
|
02:58, 2 अगस्त 2010 के समय का अवतरण
मोहताजों की ख़बर ले, तेरी लें भगवान ।।
जस परगट दो लोक में, होगा निश्चय जान ।।
होगा निश्चय जान, मान वेदों का कहना ।
जो ठावे उपकार उदय होता है लहना ।।
गंगादास ले ख़बर राम उनके काजों की ।
जो लेते हैं ख़बर जगत में मोहताजों की ।।