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"जिधर देखो / अजित कुमार" के अवतरणों में अंतर

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11:12, 2 अगस्त 2010 के समय का अवतरण

ऊपर से सख़्त
और भीतर से गिलगिला...

जिधर देखो, उधर
यही,
यही एक सिलसिला ।