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"बराबरी / अजित कुमार" के अवतरणों में अंतर

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12:04, 2 अगस्त 2010 के समय का अवतरण

रेंग ले,
और तनिक रेंग ले,
ओ कीड़े !

खरगोशों की बराबरी
क्या ख़ाक तू करेगा !
चौकड़ी भरते
और
कुलाँचे लगाते
अब वे ओझल हो चुके हैं-
तेरी पहुँच से परे,
अपनी मंज़िल के आगे ।