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"मंदिर और प्रेम / जय छांछा" के अवतरणों में अंतर

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11:04, 8 अगस्त 2010 के समय का अवतरण

मंदिरों में
देवताओं की मूर्तियाँ हैं
दीये हैं
घंटियाँ हैं
पूजारी हैं
भक्तों की भीड़ है ।

और
उससे भी दूर
उससे भी ऊपर
मंदिर के
शीर्ष और माथे पर
सजे हुये हैं कलापूर्ण कामुक चित्र ।

ठीस इस समय

मंदिर के एक कोने पर खड़े होकर
जीवन और प्रेम की परिभाषा खोज रहा हूँ मैं
शायद
आस्था और प्रेम के / दो तरफ रखे मीठे फल
शायद मंदिर ही हैं
ऐसा रहा है मुझे ।

मूल नेपाली से अनुवाद : अर्जुन निराला