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11:09, 8 अगस्त 2010 के समय का अवतरण

तुमने
कोई पुरस्कार नहीं दिया
तगमा नहीं दिया
भौतिक धन संपत्ति नहीं दी
इनसे भी अमूल्य
नि:स्वार्थ प्रेम दिया ।

इसके लिये
आखिर क्या दूँ मैं तुम्हें?
फकत एक शब्द देना चाहता हूं-

'धन्यवाद"।

मूल नेपाली से अनुवाद : अर्जुन निराला