भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"बीच हमारे कुछ दूरी है / वर्षा सिंह" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= वर्षा सिंह |संग्रह= }} {{KKCatGhazal}} <Poem> बीच हमारे कुछ द…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
02:54, 23 सितम्बर 2010 का अवतरण
बीच हमारे कुछ दूरी है ।
शायद उसकी मज़बूरी है ।
संवादों से लगे पराया
दिल ही दिल में मंज़ूरी है ।
मन बहकाए, तन बहकाए
गंध प्यार की कस्तूरी है ।
जब-जब बरसी प्यार की 'वर्षा'
भीगी ये दुनिया पूरी है ।