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"ख़बरदार ! / पूनम तुषामड़" के अवतरणों में अंतर
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18:19, 24 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण
सपनों के भीतर भी
पनप जाती हैं
दीवारे!दीवारों पर उग आते हैं
शैवाल
देते हैं धमकियां
करते हैं अट्टहास
खबरदार!स
पना मत देखो
बस सो जाओ
ऐसी नींद....
जिसमें कोई
सपना न हो।