भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"उन्हीं के लिए / महेंद्र नेह" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=महेन्द्र गगन |संग्रह= }} <Poem> अब उन्हीं के लिये यह क…)
(कोई अंतर नहीं)

19:49, 25 सितम्बर 2010 का अवतरण

  
अब
उन्हीं के लिये यह कविता
जिनके हाथों से
छीन लिये गए औजार

यह ज़िंदगी
अब
उन्हीं के लिए
जिनके मुँह से
झपट लिए गए निवाले

उन्हीं के लिए
ये आँखें
जिनके सपनों को
कुचल दिया गया
और डाल दी गई उन पर राख

ये क़लम
उन्हीं के लिए
सच्चाई और न्याय के
रास्ते पर चलने के जुर्म में
क़त्ल कर दिया गया जिन्हें

दर्ज़ कर दिया गया जिनका नाम
बगावत करनेवालों की
काली सूची में ।