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"ढिगळी होवण तांई / ओम पुरोहित ‘कागद’" के अवतरणों में अंतर

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<poem>भोत तळै जाय’र
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भोत तळै जाय’र
 
नीसरयो है कूओ
 
नीसरयो है कूओ
 
रास रा निसाण
 
रास रा निसाण

15:52, 16 अक्टूबर 2010 का अवतरण

भोत तळै जाय’र
नीसरयो है कूओ
रास रा निसाण
आपरै मुंडै री
समूळी गेळाई में
कोरियां ऐनाण
पण नीं बतावै
किण दिस
कुण जात
भरती ही पाणी !
काळीबंगा रो मून
बतावै
एक जात
आदमजात
जकी
भेळी जागी
भेळी ई सोई
भेळप निभाई
ढिगळी होवण तांई ।