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"रूंख / ओम पुरोहित ‘कागद’" के अवतरणों में अंतर

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थे
 
एक अभियान मांय
 
एक अभियान मांय
 
रूंख लगायो
 
रूंख लगायो

15:53, 16 अक्टूबर 2010 का अवतरण

थे
एक अभियान मांय
रूंख लगायो
दूजै मांय सींच्यो
अनै
तीजै अभियान मांय
काट बगायो ।
ठीक है
थे मालक हा, रूंख रा
पण उथळो तो देवणो ई पड़ सी
कै जिकी रूंख नै जाम्यो
पानका निकळण सूं लेय’र
काटण तांईं मून ही
बा धरती
उण रूंख री कुण ही ?