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"दीदी की आँखों में / रमेश तैलंग" के अवतरणों में अंतर
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दीदी को मिली नई फूलदार साड़ी, | दीदी को मिली नई फूलदार साड़ी, |
12:34, 7 नवम्बर 2010 का अवतरण
दीदी लिपस्टिक के नखरे करे ।
छुटकू डोलें मुँह में मिट्टी भरे ।
दीदी को मिली नई फूलदार साड़ी,
छुटकू को मिली तीन पहियों की गाड़ी,
दीदी कमाऊ है, फैशन करे ।
छुटकू डोलें मुँह में मिट्टी भरे ।
दीदी संभालती रहे काला चश्मा,
छुटकू चिल्लाते रहें अम्माँ ! अम्माँ !
दीदी की आंखों में सपने भरे ।
छुटकू डोलें मुँह में मिट्टी भरे ।
दीदी का सैलफ़ोन बजता ही रहता,
कोई है, जो बातें करता ही रहता,
दीदी हँस-हँस कर क्या बातें करे ?
छुटकू के पल्ले न कुछ भी पड़े ।