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"अचानक हुआ भाग्योदय / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर

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कल या कि परसों
 
कल या कि परसों
 
 
हुआ एकाएक भाग्योदय  
 
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पकड़ लिया मल्का-ए-तरन्नुम
 
पकड़ लिया मल्का-ए-तरन्नुम
 
 
नूरजहाँ को  
 
नूरजहाँ को  
 
 
रेडियो पाकिस्तान से प्रसारित प्रोग्राम में  
 
रेडियो पाकिस्तान से प्रसारित प्रोग्राम में  
 
 
सुनाई पड़ी उस सुकण्ठी की स्वर लहरी  
 
सुनाई पड़ी उस सुकण्ठी की स्वर लहरी  
 
 
‘कजरारी अँखियों में निदिया न आए  
 
‘कजरारी अँखियों में निदिया न आए  
 
 
जिया घबराए  
 
जिया घबराए  
 
 
पिया नहिं आए  
 
पिया नहिं आए  
 
 
कजरारी अँखियाँ में ......’
 
कजरारी अँखियाँ में ......’
 
  
 
सारा दिन सारी रात  
 
सारा दिन सारी रात  
 
 
गूँजती रहीं  
 
गूँजती रहीं  
 
 
मेरे कर्ण-कुहरों में  
 
मेरे कर्ण-कुहरों में  
 
 
गीत की कड़ियाँ  
 
गीत की कड़ियाँ  
 
  
 
हुआ अचानक भाग्योदय  
 
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कई वर्षों बाद  
 
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कल या कि परसों !
 
कल या कि परसों !
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12:22, 18 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण

कल या कि परसों
हुआ एकाएक भाग्योदय
पकड़ लिया मल्का-ए-तरन्नुम
नूरजहाँ को
रेडियो पाकिस्तान से प्रसारित प्रोग्राम में
सुनाई पड़ी उस सुकण्ठी की स्वर लहरी
‘कजरारी अँखियों में निदिया न आए
जिया घबराए
पिया नहिं आए
कजरारी अँखियाँ में ......’

सारा दिन सारी रात
गूँजती रहीं
मेरे कर्ण-कुहरों में
गीत की कड़ियाँ

हुआ अचानक भाग्योदय
कई वर्षों बाद
कल या कि परसों !