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सफर
 
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जीवन रथ है दो पहियों का  
 
जीवन रथ है दो पहियों का  

09:27, 21 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण


सफर
जीवन रथ है दो पहियों का
दोनों पहिये साथ रहें तो
सफर बहुत आसां होता है
हवस का कीचड़
इन पहियों को
सम्त बदल देता है अक्सर
सम्त बदल जाने से ही
रफ़्तार शिकन खाती है पल-पल
और डगर पर
चलना मुश्किल हो जाता है
ये मुश्किल
आसान अगर करना है तुमको
हवस के इस कीचड़ से
दोनों पहियों को तुम पाक करो
और
सफर का सारा मजा उठाओ
नियत समय पर मंजिल पाओ