"बीरेन्द्र कुमार महतो / परिचय" के अवतरणों में अंतर
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जन्मः 17 जनवरी 1978, रांची | जन्मः 17 जनवरी 1978, रांची | ||
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शिक्षा: स्नातकोत्तर (अर्थशास्त्र एवं क्षेत्रीय भाषा नागपुरी में), जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में पीजी डिप्लोमा, बी एड (राँची विश्वविद्यालय) | शिक्षा: स्नातकोत्तर (अर्थशास्त्र एवं क्षेत्रीय भाषा नागपुरी में), जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में पीजी डिप्लोमा, बी एड (राँची विश्वविद्यालय) | ||
− | + | अनेक पत्र-पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन से शुरुआत। 2002 में दैनिक जागरण से जुड़े, 2005 में साप्ताहिक ‘अपनी रांची’ में समाचार संपादक रहे। फिलहाल त्रैमासिक नागपुरी पत्रिका ‘गोतिया’ का संपादन-प्रकाशन के साथ-साथ ‘जोहार सहिया’, ‘झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा’ और ‘जोहार दिसुम खबर’ के उप-संपादक। पत्रकारिता के अतिरिक्त कठपुतली कला, कविता, कहानी और नाट्य लेखन में दस वर्षों से लगातार सक्रिय। | |
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+ | उल्लेखनीय अनेक प्रादेशिक पुरस्कारों के अतिरिक्त कठपुतली कला के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित। | ||
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+ | ‘गोतिया’ त्रैमासिक पत्रिका के संपादन-प्रकाशन और ‘जोहार सहिया’ मासिक पत्रिका के संपादकीय विभाग से संबद्ध। | ||
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ढुमसा टोली, चुटिया, रांची - 834001 झारखंड | ढुमसा टोली, चुटिया, रांची - 834001 झारखंड | ||
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03:02, 29 नवम्बर 2010 का अवतरण
बीरेन्द्र कुमार महतो
जन्मः 17 जनवरी 1978, रांची
शिक्षा: स्नातकोत्तर (अर्थशास्त्र एवं क्षेत्रीय भाषा नागपुरी में), जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में पीजी डिप्लोमा, बी एड (राँची विश्वविद्यालय)
अनेक पत्र-पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन से शुरुआत। 2002 में दैनिक जागरण से जुड़े, 2005 में साप्ताहिक ‘अपनी रांची’ में समाचार संपादक रहे। फिलहाल त्रैमासिक नागपुरी पत्रिका ‘गोतिया’ का संपादन-प्रकाशन के साथ-साथ ‘जोहार सहिया’, ‘झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा’ और ‘जोहार दिसुम खबर’ के उप-संपादक। पत्रकारिता के अतिरिक्त कठपुतली कला, कविता, कहानी और नाट्य लेखन में दस वर्षों से लगातार सक्रिय।
‘हाशिए के स्वर’ पुस्तक में संपादन सहयोग।
कार्टूनिस्ट के रूप में सशक्त पहचान।
‘जनपक्षीय कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य। नुक्कड़ नाटकों और कठपुतली नाटकों के निर्माण व निर्देशन के जरिए राष्ट्रीय स्तर पर विशेष प्रस्तुतियां। झारखण्ड की पहली कठपुतली फिल्म ‘अक्षर की बरसात में’ और ‘100 दिन मिलेगा काम’ के लिए पपेट निमार्ण, संचालन एवं निर्देशन।
अनेक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों के साथ संबद्ध। विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर सृजनात्मक भागीदारी।
उल्लेखनीय अनेक प्रादेशिक पुरस्कारों के अतिरिक्त कठपुतली कला के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित।
‘हिमइत ना हार’ पहली प्रकाशित कविता संग्रह (2009), तथा क्षेत्रीय भाषा नागपुरी और हिन्दी में प्रकाशित पुस्तक ‘नागपुरी भाषा शिक्षण और साहित्य’ (2008)
नागपुरी कहानी संग्रह ‘चमरा’ और नागपुरी भाषा में पहली कार्टून कॉमिक्स ‘हुलचुलिया सामू’ शीघ्र प्रकाश्य।
संप्रतिः
‘गोतिया’ त्रैमासिक पत्रिका के संपादन-प्रकाशन और ‘जोहार सहिया’ मासिक पत्रिका के संपादकीय विभाग से संबद्ध।
संपर्क:
द्वारा: श्री प्रेम रंजन महतो
ढुमसा टोली, चुटिया, रांची - 834001 झारखंड
दूरभाष: 9934133172