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जुग जुग जियसु ललनवा, भवनवा के भाग जागल हो | जुग जुग जियसु ललनवा, भवनवा के भाग जागल हो | ||
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ललना लाल होइहे, कुलवा के दीपक मनवा में आस लागल हो॥ | ललना लाल होइहे, कुलवा के दीपक मनवा में आस लागल हो॥ | ||
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आज के दिनवा सुहावन, रतिया लुभावन हो, | आज के दिनवा सुहावन, रतिया लुभावन हो, | ||
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ललना दिदिया के होरिला जनमले होरिलवा बडा सुन्दर हो॥ | ललना दिदिया के होरिला जनमले होरिलवा बडा सुन्दर हो॥ | ||
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नकिया त हवे जैसे बाबुजी के,अंखिया ह माई के हो | नकिया त हवे जैसे बाबुजी के,अंखिया ह माई के हो | ||
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ललन मुहवा ह चनवा सुरुजवा त सगरो अन्जोर भइले हो॥ | ललन मुहवा ह चनवा सुरुजवा त सगरो अन्जोर भइले हो॥ | ||
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सासु सुहागिन बड भागिन, अन धन लुटावेली हो | सासु सुहागिन बड भागिन, अन धन लुटावेली हो | ||
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ललना दुअरा पे बाजेला बधइया, अन्गनवा उठे सोहर हो॥ | ललना दुअरा पे बाजेला बधइया, अन्गनवा उठे सोहर हो॥ | ||
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नाची नाची गावेली बहिनिया, ललन के खेलावेली हो | नाची नाची गावेली बहिनिया, ललन के खेलावेली हो | ||
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ललना हंसी हंसी टिहुकी चलावेली, रस बरसावेली हो॥ | ललना हंसी हंसी टिहुकी चलावेली, रस बरसावेली हो॥ | ||
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जुग जुग जियसु ललनवा, भवनवा के भाग जागल हो | जुग जुग जियसु ललनवा, भवनवा के भाग जागल हो | ||
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ललना लाल होइहे, कुलवा के दीपक मनवा में आस लागल हो॥ | ललना लाल होइहे, कुलवा के दीपक मनवा में आस लागल हो॥ | ||
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13:36, 5 दिसम्बर 2010 का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
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- हिमाचली लोकगीत
जुग जुग जियसु ललनवा, भवनवा के भाग जागल हो
ललना लाल होइहे, कुलवा के दीपक मनवा में आस लागल हो॥
आज के दिनवा सुहावन, रतिया लुभावन हो,
ललना दिदिया के होरिला जनमले होरिलवा बडा सुन्दर हो॥
नकिया त हवे जैसे बाबुजी के,अंखिया ह माई के हो
ललन मुहवा ह चनवा सुरुजवा त सगरो अन्जोर भइले हो॥
सासु सुहागिन बड भागिन, अन धन लुटावेली हो
ललना दुअरा पे बाजेला बधइया, अन्गनवा उठे सोहर हो॥
नाची नाची गावेली बहिनिया, ललन के खेलावेली हो
ललना हंसी हंसी टिहुकी चलावेली, रस बरसावेली हो॥
जुग जुग जियसु ललनवा, भवनवा के भाग जागल हो
ललना लाल होइहे, कुलवा के दीपक मनवा में आस लागल हो॥